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कविता बच्चे डा0हेमन्त कुमार आतंकवाद। भीतर मन के छोटे रुखसार पलकों के भीतर सवाल जवाब हक़ कटघरे पूछना दामन चंचल समझ खुद

Hindi कटघरे के भीतर Poems